सिंगार सोलहो / अमरेन्द्र
‘अबकी ऐबोॅ तेॅ लानियोॅॅ सिंगार सोलहो !
सोना के अंगूठी लियोॅ आरो लियोॅ टिकुली
हाथोॅ के कंगन लियोॅ आरो लियोॅ हँसुली
पासा लियोॅ कानोॅ केरोॅ, आँखी केरोॅ काजल
फीता लियोॅ, बिंदी लियोॅ, पैरोॅ केरोॅ पायल
आरो सुनोॅ कीनी लियोॅµऐल्ता-पौडरो
अबकी ऐबा तेॅ लानियोॅ सिंगार सोलहो !’
‘अबकी ऐभौं तेॅ लानिभौं सिंगार सोलहो
सोना के अंगूठी लेभांै आरो लेभौं टिकुली
हाथोॅ के कंगन लेभौं आरो लेभौं हँसुली
पासा लेभांै कानोॅ केरोॅ, आँखी केरोॅ काजल
फीता लेभौं, बिंदी लेभौं, पैरोॅॅ केरोॅ पायल
आरो सुनोॅ कीनी लेभौं µ ऐल्ता-पौडरो
अबकी ऐभौं तेॅ लानभौं सिंगार सोलहो !’
‘अबकी ऐबा तेॅ लानियोॅ सिंगार सोलहो
नाकी केरोॅॅ बेसर लियोॅ आरो मँगटिक्का
देखी-देखी छूटी जैतै सब्भे केरोॅ छक्का
बाजूबन्द बाँही केरोॅ लियोॅ पिया हेनोॅ
मुखिया के दुलहैनी पिहनै छै जेहनोॅ
चुनी केॅ बुलाउज लियोॅ, साया-साड़ियो
अबकी ऐबा तेॅ लानियो सिंगार सोलहो !’
‘अबकी ऐभौं तेॅ लानभौं सिंगार सोलहो
नाकी केरोॅ बेसर लेभौं आरो मंगटिक्का
देखी-देखी छूटी जैतै सब्भे केरोॅ छक्का
बाजूबन्द बाँही केरोॅॅ कीनी लेभौं एहनोॅ
मुखिया के दुलहैनी पिहनै छै जेहनोॅ
चुनी केॅ बुलाउज लेभौं, साया-साड़ियो
अबकी ऐभौं तेॅ लानभौं सिंगार सोलहो ।’