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सिक्का किसी फ़कीर के कासे में यूँ न डाल / सुमन ढींगरा दुग्गल
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सिक्का किसी फ़कीर के कासे में यूँ न डाल
कमज़र्फ कह के चीख उठे कासा ए सवाल
मरने से दास्तान तेरी मुख़्तसर न हो
तू मौत से हयात का पहलू कोई निकाल