भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सीज फ़ायर / मनोहर बाथम
Kavita Kosh से
टिटवाल की नियन्त्रण रेखा पर
दोनों तरफ़ के लोग
चौदह साल में पहली बार
झेलम के आर-पार
सलमा के आँसू झेलम में गिरे
तो पार से मामू ने
पानी उठाकर चूमा
मामू की नीलम हमारी झेलम
दो नाम एक आत्मा
काश! उसके पंख होते
यह दस मीटर का फ़ासला
वह उड़कर ही पार करती
झेलम की लहरों में
आज सुर है
सलमा की आवाज़
उधर जल्दी ही पहुँचेगी
(तोपों की आवाज़ें जो शान्त हैं)
आवाज़ पहुँच गई
तो वो भी पहुँच जाएगी एक रोज़
टिप्पणियाँ
टिटवाल= कश्मीर का एक सीमावर्ती गाँव
सलमा= एक कश्मीरी युवती
नीलम= पाकिस्तान में झेलम को नीलम पुकारते हैं।