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सीने में जो दबी आग है / हरिवंश प्रभात
Kavita Kosh से
सीने में जो दबी आग है
आज उसे सुलगाना है
भारतवासी जाग उठो
जम्मू कश्मीर बचाना है।
देश का दुश्मन बाहर का हो
या अंदर का एक समान,
स्वर्ग से सुंदर कश्मीर है
इसमें रहते हम सबके प्राण।
पाक अधिकृत जो कश्मीर है
उसको मुक्त कराना है।
कश्मीर में अलगाववाद की
आंधी आती रहती है,
उस पर यह सरकार गलत
नीति अपनाती रहती है।
वार्ताकारों की मंशा भी
पाक का मान बढ़ाना है।
जनता को भी ऐसे में अब
सावधान होना होगा,
किसी मूल्य पर हवा के आगे
एक तूफान होना होगा।
जो भी शांति भंग करेगा
उसको मज़ा चखाना है।
चार लाख कश्मीरी पंडित
निर्वासित जीवन जीते,
अक्षमता सरकार की है
कई दशक यूँ ही बीते।
हत्यारी तीन सौ सत्तर
धारा को खत्म कराना है।