भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सीमा-निवेश: घर-परिवेश / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उत्तर दच्छिन ठाकुरबाड़ी रामायण नित गान
स्थल पश्चिम राधा कृष्णक पुनि सीताराम प्रमान
पोखरि - झाखरि मठ-मन्दिर ओ ग्राम देवता थान
बाध-बोन चर-चाँचर झुकि-झुकि करब आचमन पान
ग्राम मध्य पथ कातहि पथिकक पद धूलिएँ पवित्र
कुटी एक लंबित युगसँ जत व्यक्ति समाजक चित्र
जतय तात चरणक अनुशत वत्सर साधन केर द्वार
आसन बैसि लोक-वेदक अमृतक शुचि रुचि उपहार
संजीवन भेषज संगहि नित शास्त्र-पुराण उदेस
रघुपति राघव गीतक धुनि पुनि गीतामृत उपदेश
पल-पल श्रुति-पुट वयन, नयन अनुखन सत्संग प्रसंग
नाम रूप यश लीला सुरभित ग्रामांचल अनुषंग
वेद - पुराण महाभारत - रामायण गीता - सार
तुलसी-चंदा, विद्यापति रैदास-कबीर प्रचार
कथा बिन्दु हरिहर कृपालुहुक, मृण्मयीक शृंगार
पवहारी जमाति कत वैष्णव मत जनमत अनुसार
संत - महंथ यती - संन्यासी वैरागी कत पंथ
अवध वृज पुरी गढी धाम बदरी पंडा श्रुतिवंत
चिरकालहुसँ पोथी - पतरा पथ पद्धति आवेश
पत्र-पत्रिका खबरि कागजक पढ़बा केर रुचि वेस
जत जे गाम-गमइ लगपासक लघु गुरु अपने लोक
सभक शुभाशिष नमन - प्रणमनो कवि मानस आलोक
देश-कोस ओ टोल-पड़ोसहु चौदिस नेह नहाय
अपन अन्तरक श्रद्धा-सुमन चढ़ायब सुरभि भिजाय