सुनते ही शिशु का रुदन, प्रसू की छाती में
लगता है दूध उमड़ने, ममता के मारे;
मेरे ये आत्मनिवेदन के निश्छन्द छन्द
सुनते ही तेरा प्यार उमड़ आए प्यार!
सुनते ही शिशु का रुदन, प्रसू की छाती में
लगता है दूध उमड़ने, ममता के मारे;
मेरे ये आत्मनिवेदन के निश्छन्द छन्द
सुनते ही तेरा प्यार उमड़ आए प्यार!