भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुन लो जो सय्याद करेगा / विज्ञान व्रत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुन लो जो सय्याद करेगा
वो मुझको आज़ाद करेगा

आँखों ने वो कह डाला है
तू को कुछ इरशाद करेगा

एक ज़माना भूला मुझको
एक ज़माना याद करेगा

काम अभी कुछ ऐसे भी हैं
जो वो अपने बाद करेगा

तुझको बिल्कुल भूल गया हूँ
जा तू भी क्या याद करेगा