झर पड़ा हो मेरे ऊपर
मानो स्नान-जल ।
बालक की देह
हाथ से पोंछकर
फिर उसे सजाओ !
लगाओ काजल
फिर छोड़ दो शिशु को बागान में
इस जीवन को
पवित्र करो
सूर्यास्त के स्नान से
मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी
झर पड़ा हो मेरे ऊपर
मानो स्नान-जल ।
बालक की देह
हाथ से पोंछकर
फिर उसे सजाओ !
लगाओ काजल
फिर छोड़ दो शिशु को बागान में
इस जीवन को
पवित्र करो
सूर्यास्त के स्नान से
मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी