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सूर्य हुआ लापता(हाइकु) / रमा द्विवेदी
Kavita Kosh से
१-धुंध ही धुंध
सूर्य हुआ लापता
रजनी रोई |
२-कठिन होता
रचनात्मक कार्य
ध्वंस आसान |
३-माँ की ममता
यूँ कैसे हार जाती
बेटी न जने |
४-संहार मत
अपने स्वरुप को
माँ आने भी दे|
५-इतना बौना
कैसे हुआ आदमी
माँ-पा न भाएं |
६-नजदीकियाँ
सुख ही नहीं देती
तलखियाँ भी |
७-पूस की ठण्ड
अम्बर-धरा संग
मन उमंग |
८-मृत्यु के डर
जीना नहीं छोड़ते
कर्मठ व्यक्ति
९-वफ़ा का वादा
चाँद न भी निभाए
सूर्य मुस्काए |
१०-सूर्य की ऊष्मा
चाँद की शीतलता
धरा मुस्काई |