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से अब नइ परानमा गै देवीया / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
से अब नइ परानमा गै देवीया
जेलमे नइ बचतै
आब परानमा जेलमे नइ
बचतै गै।
हौ एत्तेक वचनियाँ हौ मोतीराम कहै छै
हा तबे जवाब मैया दुर्गा दै छै
सुनऽ सुन हौ मोती दुलरूआ
हौ तोहरे सभ के बान्ह खोलेबै
डोला फनाँ महिसौथा जेबह
किया आइ चढ़ौना हमरा बौआ तू दइबै रौ।
से कबूल आइ तू कऽ दे रौऽऽ
जेल के बान्हमामे रौऽऽ।
हौ एत्तेक वचनियाँ किया अइ दुर्गा कहै छै
जेलमे समाध मोतीराम कहै छै
गै जइ दिन जेबै मैया राज महिसौथा
आ सब के बान्ह योगिनियाँ खोलेबह।
डोला फनाँ महिसौथा जेबह।
जइते पूजा महिसौथा मैया दऽ देबौ गै।
से जइते पूजा गै योगिनियाँ महिसौथा ने दऽ देबै।-2