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सैर-सपाटे के दिन आए! / कन्हैयालाल मत्त

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गरमी की छुट्टियाँ हुईं अब,
सैर-सपाटे के दिन आए!
हुईं परीक्षाएँ भी पूरी,
दूर हुई सारी मजबूरी,
अगले हफ्ते ही चल देंगे,
शिमला, नैनीताल, मसूरी।
जिसे रेल द्वारा जाना हो,
अपनी सीट रिजर्व कराए।
सैर-सपाटे के दिन आए!
तैयारी हो चली सफर की,
सैर करेंगे नगर-नगर की,
सिंड्री, टाटा नगर, भिलाई,
किरकी, ट्रांबे, अमृतसर की।
नाँगल डैम जिसे जाना हो,
पहले ही प्रोग्राम बनाए।
सैर-सपाटे के दिन आए!
चलें आगरा, ताज निहारें,
पंद्रह दिन मंबई गुजारें,
कलकत्ता, मद्रास, लखनऊ,
चलना हो, पुनः विचारें।
जिसे देखना हो संसद को,
वह दिल्ली का टिकट कटाए।
सैर-सपाटे के दिन आए!