सैली बागान में / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स
सैली बागान में मेरा प्यार और मैं मिले;
वह सैली स्नोवाइट जैसे पैरों से सैली बागान से गुज़री।
उसने मुझे प्यार को हल्के से लेने को कहा, जैसे पेड़ पर पत्ते उगते हैं;
लेकिन मैंने, जो युवा और मूर्ख था, उसकी बात नहीं मानी ।
नदी किनारे मैदान में मेरा प्यार और मैं मिल कर खड़े थे,
और उसने मेरे झुके कंधे पर अपना स्नोवाइट हाथ रखा ।
उसने मुझे जीवन को हल्के से लेने को कहा, जैसे घास मेड़ पर उगती है;
लेकिन मैं युवा और मूर्ख था, और अब आँसू बहाता हूँ ।
मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
William Butler Yeats
Down By the Salley Gardens
Down by the salley gardens
my love and I did meet;
She passed the salley gardens
with little snow-white feet.
She bid me take love easy,
as the leaves grow on the tree;
But I, being young and foolish,
with her would not agree.
In a field by the river
my love and I did stand,
And on my leaning shoulder
she laid her snow-white hand.
She bid me take life easy,
as the grass grows on the weirs;
But I was young and foolish,
and now am full of tears.