भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सोनळ सेज / ओम पुरोहित कागद

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ऊंचा ढिग्ग
बेकळा रा
धोरा कद
गदरा है
विधना रा
सोरा-सोरा ।

विधना भंवै
जगरचाव रै मिस
सांवटै
बिछावै
अठै-बठै
सौरफ सारू ।

थार
सोनळ सेज
विधना री !