सोमवती ने धर्म छोड़ दिया ईब जी कै करणा के सै रै / मेहर सिंह
वार्ता- सज्जनों चाप सिंह के यार दोस्त चापसिंह को जेल में मिलने के लिए आते हैं और उसे समझाते हैं कि वह शेरखान से माफी मांग ले उसकी जान बच जाऐगी तो चापसिंह क्या कहता है-
मेरा जग में शरणा के सै रै
सोमवती ने धर्म छोड़ दिया ईब जी कै करणा के सै रै।टेक
मनै मेल कर्या, मैं फेल कर्या, मेरी गेल करया यो अफशाना
चापसिंह के नाम पै देगें रजपूतां नै यो ताना
पाच्छै तैदे गाळ जमाना, इसी मौत का मरणा के सै रै।
कदे सब तैं ज्यादा शान थी मेरी शाह के दरबारां मैं
उन नै शेरखान तै ईज्जत दे कै छपा दई अखबारां मैं
इस राण्ड के बदले दरबारां में डण्ड का भरणा के सै रै।
के बेरा था सोमवती ओड पवाड़ा रच ज्यागी
खो दिया दिन ईमान बता ईब कित की ईज्जत बच ज्यागी
न्यू मेरै पक्की जंच ज्यागी ईब मौत तै डरणा के सै रै।
कहै जाट मेहरसिंह घर बस जाता गुण ईश्वर के गाकै
इस जिन्दगी का के जीणा मरूं तखत पै फांसी खा कै
फेर धरमराज कै बझूं जा कै इस डण्ड का निरणा के सै रै।