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सो जा ललना / शकुंतला सिरोठिया
Kavita Kosh से
सो जा ललना-सो जा ललना!
माँ की गोदी तेरा घर है,
तेरा घर है तेरा घर है,
फिर क्यों तेरे मन में डर है,
सोने-चाँदी का है पलना!
सो जा ललना, सो जा ललना!
मीठी मीठी नींद बुला दूँ,
थपकी दे-दे तुझे सुला दूँ,
कभी न रोना और मचलना
सो जा ललना, सो जा ललना!
चंदा आया, चंदा आया,
साथ बहुत से तारे लाया,
मीठा दूध-कटोरा लाया,
अच्छे पथ पर ही तुम चलना!
सो जा ललना, सो जा ललना!