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सौन बितला पेॅ वही रं के घटा की ऐतै / अमरेन्द्र
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सौन बितला पेॅ वही रं के घटा की ऐतै
है बियाबानोॅ में हरियाली भला की ऐतै
तोरा नसीब छौं गंगा तेॅ प्यास भाबै छौं
लोर चाटै छी तेॅ प्यासोॅ के मजा की ऐतै
जौनें कोठरी केॅ करी लेलेॅ छै कस्सी केॅ बंद
हेनोॅ कोठरी में समन्दर रोॅ हवा की ऐतै
जेकरोॅ हर बात सें टपकै छै अमीरी के रंग
ऊ सुदामा के यहाँ कभियो भला की ऐतै
खूब साधै लेॅ लगै छै गला केॅ बरसौं तक
खाली चिल्लैला सें गाबै के कला की ऐतै
एक हत्यारा केॅ हत्यारा कही देलेॅ छियै
हमरा मालूम छै हमरा लेॅ सजा की ऐतै
अभियो उम्म्ीद छौं अमरेन्द्र ओकरोॅ आबै के
ई छिकै कब्र यहाँ केकरो पता की ऐतै
-14.7.91