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स्त्री-पुरूष (2) / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
पुरूष ने कहा-
तुम मेरी हो
मैं तुमसे प्रेम करना करता हूँ
तुमसे विवाह करना चाहता हूं
तुम्हारे साथ घर बसाना चाहता हूं
पिता बनकर
तुम्हें मां का दर्जा दिलाना चाहता हूँ
पुरूष का इशारा समझती थी स्त्री
इरादा जानती थी
जानती थी
कि पुरूष
पराधीन बनाना चाहता है
गुलाम बनाना चाहता है
बदल देना चाहता है
स्त्री को
अपने उपनिवेश में !