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स्त्री / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
चित्रकार का जीवन रंगहीन था
मगर उसके पास रंग थे ढेर सारे
कूची थी
कैनवास भी था
रंगहीन जीवन से ऊबकर
लगभग डरकर
चित्रकार ने
एक स्त्री की तस्वीर बनायी
और कैनवास को
भर दिया रंगों से
रंगों के आकर्षण से
आकर्षण इन्द्रधनुषी !
इतने सारे रंग देख
जीवन में आने की इच्छा हुई स्त्री की
आई भी
मगर दुर्भाग्य
सारे इन्द्रधनुषी रंग
कैनवास में ही रह गये !!