वो पहाड़ हैं, पहाड़ !
हमारे पहाड़ों से मिलते-जुलते
चाकू-सी गर्दन है उनकी
और बर्फ़ है टुकड़े-टुकड़े
वो पहाड़ हैं, पहाड़ !
हमारे पहाड़ों से मिलते-जुलते
और लोग
लोग भी वैसे ही हैं
वैसे ही हाथों वाले
पैरों वाले ... आँखों वाले ... भौहों वाले
साइकिल है उनके साथ ...
और हमारे बिन साइकिल हैं
पर जुएँ हैं उनके पास
1958
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय