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स्विफ्ट का स्मृति लेख / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स
Kavita Kosh से
स्विफ्ट अपने अन्तिम विश्राम के लिए चल दिया है;
वहाँ भीषण आक्रोश
उसकी छाती को फाड़ नहीं सकता है।
तुम उसकी नक़ल करने की हिम्मत तो करके दिखाओ,
उस यात्री पर विश्व फ़िदा था; उसने
मानव की आज़ादी के लिए काम किया।
मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
SWIFT’S EPITAPH
SWIFT has sailed into his rest;
Savage indignation there
Cannot lacerate his breast.
Imitate him if you dare,
World-besotted traveller; he
Served human liberty.