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स्सो कीं सागण हैं / मदन गोपाल लढ़ा
Kavita Kosh से
गळ्यां वैड़ी है
जैड़ी हुया करै
बीजै सहरां में।
रेलवे ठेसण
बस अड्डो
बजार
घर
स्सो कीं सागण है
इण सहर में।
सुरजजी नित ऊगै
जियां ऊगै बीजी ठौड़
फ गत गरमी में
आकरा हुय जावै कीं बेसी
सियाळै में
बगता ई मना लेवै छुट्टियां।
पाणी री मोकळायत है
खळ-खळ बगै इंदिरा गांधी नहर
पून सागै लैरावै फसलां
केई बार घग्घर नैं आ लावै रीस
तो लारै भाज'र बड़ जावै घरां में!