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हक़ / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
बीनणी
सासरै में
कियां सोय सकै
नचीती होयर
सगळां रै
पैलै हेलै माथै पूगै
सैं सूं पैली
सगळा जतावै
आप-आपरौ हक
अर बीनणी
बिच्यारी
कियां लेवै जक।