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हत्या / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
हमरा नहि कहलाक बादो
हमरा संग अहाँ
भुइयाँ थानमे खयने रही
किरिया
कहियो हाथ नहि छोड़बाक
खाहे कोने परिस्थिति होअय।
अनचोके की भेलए अहाँकें
जे अहाँ
तोड़ि देलियै
किरिया
हमर विश्वासक कयलहुँ
हत्या
मुदा,
कहायब नहि
हत्यारिन।