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हमको हर दिन उबाल कर मालिक / नूर मुहम्मद `नूर'

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हमको हर दिन उबाल कर मालिक
हर घड़ी मत हलाल कर मालिक

तेरे नौकर हैं, ठीक है, फिर भी
थोड़ा ढँग से सवाल कर मालिक

कल जो आँधी है, कल जो दहशत है
कल का कुछ तो ख़याल कर मालिक

आज जो कह दिया, कहा लेकिन
कल से कहियो सँभाल कर मालिक

मोच आ जाये ना बुलंदी में
राह चल देखभाल कर मालिक

इन अँधेरों को नूर होना है
तेरी हस्ती उछाल कर मालिक

शब्दार्थ
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