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हमने गीत लिखा है / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
तुमने कहा गीत लिख दो तो हमने गीत लिखा है।
आओ बैठो तुम्हें बतायें क्या-क्या मीत लिखा है।
जब तुमने आँखें खोलीं तो
हमने लिखा सवेरा।
और बंद की आँखें तुमने
तो लिख दिया अँधेरा।
तुमने छेड़ा राग सुरीला तो संगीत लिखा है।
आओ बैठो तुम्हें बतायें क्या-क्या मीत लिखा है।
हमने लिखा घटायें तुमने
केश-राशि जब खोली।
झरने जैसी हँसी लिखी है
और शहद-सी बोली।
रूप तुम्हारा इतना भाया आशातीत लिखा है।
आओ बैठो तुम्हें बतायें क्या-क्या मीत लिखा है।
जाने कितनी ही उपमायें
तुममें और दिखी हैं।
तभी गीत में कितनी बातें
हमने और लिखी हैं।
सब कुछ लिख कर शब्द आख़िरी हमने "प्रीत" लिखा है।
आओ बैठो तुम्हें बतायें क्या-क्या मीत लिखा है।