हमरा एक दोस्त छै जहिया सें हीं शाही मिललोॅ / अमरेन्द्र

हमरा एक दोस्त छै जहिया सें हीं शाही मिललोॅ
ठीक तलवारे नाँखी मिललोॅ ऊ जाँही मिललोॅ
देश केॅ गिरवी रखी देलेॅ छै दुश्मन-हाथें
देश केॅ हेनोॅ छै एक खोटोॅ सिपाही मिललोॅ
वैं तेॅ चहतै ही लिखौं गीता कुरुक्षेत्रोॅ में
जकरोॅ हाथोॅ में कलम-कॉपी, छै स्याही मिललोॅ
अपना केॅ देव कहै, देवे केॅ दुश्मन भारी
चलतें जतरा में यहाँ हेनोॅ भी राही मिललोॅ
देखना छश्रै केना पांडव हुवै छै बाहर ऊ
घोॅर बनबैलेॅ छै दुरजोधनें - लाही मिललोॅ
एक्के रातोॅ रोॅ मिलन फनू तड़पवे देखोॅ
जनम के बादे मिरतुओ केॅ तबाही मिललोॅ
तोरोॅ है ताज, है दौलत केना केॅ ज्यादा छौं
जबकि हमरौ छै फकीरी वहेॅ शाही मिललोॅ

-12.6.91

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