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हमरा छै ऐकरोॅ अभिमान / माँटी हिन्दुस्तान के / राहुल शिवाय

जहाँ बहै छै प्रेम के धारा
आरो सात नदी के घाट,
जहाँ शान गिरिराज हिमालय
विंध्याचल आरो मंदार
संस्कार छै जहाँ सम्पदा
आरो ज्ञानी छै धनवान,
यैहनोॅ भारत जन्मभूमि छै ।
हमरा छै एकरोॅ अभिमान ।

वेद मंत्र आरो गुरुवाणी
भोरे-भोरे जहाँ बाजै छै,
ईश्वर अल्ला एक कही केॅ
आपस मेॅ सब गरोॅ लगै छै,
जहाँ अनेकता मेॅ छै एकता
सब्भे जन छै एक समान,
यैहनोॅ भारत जन्मभूमि छै ।
हमरा छे एकरोॅ अभिमान ।

क्षमा-दया निष्काम भावना
रग-रग जहाँ समैलोॅ छै,
नानक, बुद्ध, कबीर के वाणी
सब्भे मनोॅ में छैलोॅ छै;
माय-बाप बच्चा रोॅ खातिर
जे भूमि पर छै भगवान,
यैहनोॅ भारत जन्मभूमि छै ।
हमरा छै एकरोॅ अभिमान ।

रचनाकाल- 8 अप्रेल 2014