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हमें छोड़ पिया किस देस गए / राजा मेंहदी अली खान

हमें छोड़ पिया किस देस गए
पिया लौट के आना भूल गए
मुरझा गईं होंठों की कलियाँ
हम हँसना-हँसाना भूल गए

सौ जतन से प्रीत लगाई थी
ये दुनिया सोग बनाई थी
क्यों प्रीत लगाना याद रहा
क्यों प्रीत निभाना भूल गए
हमें छोड़ पिया किस देस गए ...

रोते-रोते बरसात गई
सुन्दर-सुन्दर हर रात गई
उजड़े हुए इस घर में अकसर
हम दीप जलाना भूल गए
हमें छोड़ पिया किस देस गए ...

हम आँख से ओझल होते थे
तुम सौ-सौ आँसू रोते थे
हम सौ-सौ आँसू रोते हैं
तुम मुख दिखलना भूल गए
हमें छोड़ पिया किस देस गए ...

फ़िल्म : दो भाई (1947)