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हमेशा / पाब्लो नेरूदा / उज्ज्वल भट्टाचार्य
Kavita Kosh से
मुझे परवाह नहीं
मेरे पहले कौन था ।
आओ, एक मर्द को
कन्धे पर लदी हुई,
आओ, तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में फँसे हो सैकड़ों मर्द;
हज़ारों मर्द तुम्हारे सीने और पैरों के बीच,
आओ, एक नदी की तरह
जिसमें सब डूब चुके हों,
जो बहती जाती हो उफ़नते सागर की ओर
लहराती हुई, वक़्त में खोती हुई !
सबको लेती आओ
इन्तज़ार करते मेरे पास;
हम हमेशा अकेले होंगे
हम होंगे तुम और मैं
दुनिया में अकेले
एक नई ज़िन्दगी की ख़ातिर !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य