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हम्में सजैलेॅ छी आपनोॅ मड़ैया तोंय आवी जइयोॅ / आभा पूर्वे
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हम्में सजैलेॅ छी आपनोॅ मड़ैया तोंय आवी जइयोॅ
सेज कुसुमी सजैलेॅ छी आवो जइयो
तोरा लेॅ व्याकुल छै रोआं-रोआं तक, मन व्याकुल
तोरा मन दौं हँकारोॅ तोंय आवी जइयोॅ
तोरे लेॅ खिललोॅ छै गेंदा, चमेली कि हेनोॅ महकै
जेन्होॅ तन-मन ई हमरोॅ तोंय आवी जइयोॅ
तोरे लेॅ कारोॅ चुनरिया पिन्ही केॅ छै रात ऐलोॅ
तहूँ अग-जग महकैलेॅ तोंय आवी जइयोॅ
तोरै सें हम्में छी फूलो ई, सेजो ई, रातो पियवा
ई नै हरदम हुवै छै तोंय आवी जइयोॅ