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हम्में सब दुख सहबै/ अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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हम्में सब दुख सहबै तोरा सें मिलबै
तोरा से मिलबै, तोरा से मिलबै

हम्में सब दुख सहबै तोरा से मिलबै ।
की कहतै माय-बाबू, की कहतै भैया
मिलिये केॅ रहबै, तोरा सें सैंया
राखयोॅ जेनां पिया, होनै रहबै
हम्में सब दुख सहबै तोरा सें मिलबै ।

विमल प्रेम छै, विमल छै बंधन
विमल-विमल छै, तन आरो मन
साथ जीयै के वादा निभैवै
हम्में सब कुछ सहबै तोरा से मिलबै ।

सौरोॅ-सौरोॅ ई सौनोॅ के मेह
फैली गेलोॅ छै बनी हमरे ई नेह
बूँद बनी तोरा ऐंगना बरसबै
हम्में सब दुख सहबै तोरा सें मिलबै ।