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हम उसको दोस्त बनाएँगे / सूर्यकुमार पांडेय
Kavita Kosh से
हो जिसको प्यार किताबों से
जो अव्वल आए पढ़ने में,
जो सही राह दिखलाता हो
औरों को आगे बढ़ने में।
हम उससे हाथ मिलाएँगे।
हम उसको दोस्त बनाएँगे।
जो ख़ुश रहता हो उन्नति से
ईर्ष्या न कभी पाले मन में,
जो सुख में भी संग-संग रहे
और साथ निभाए मुश्किल में।
हम उस पर जान लुटाएँगे
हम उसको दोस्त बनाएँगे।
अच्छे लोगों की सोहबत हो
हो नहीं नशे की लत कोई,
झंझट-झगड़ों से दूर रहे
हो नहीं बुरी आदत कोई।
हम उसको ही अपनाएँगे।
हम उसको दोस्त बनाएँगे।
फ़ालतू न हों खरचे जिसके
ऊँचा विचार, जीवन सादा,
जो सबको आदर देता हो
जो करे नहीं झूठा वादा।
हम उसका साथ निभाएँगे।
हम उसको दोस्त बनाएँगे।