Last modified on 1 मार्च 2013, at 11:14

हम और तुम-1 / बोधिसत्व

 
यदि हम एक-दूसरे के बर्तन होते
तो हम लिखवाते शायद एक-दूसरे पर अपने नाम
यदि हम एक-दूसरे के लिए किताब होते तो उस पर लिखते अपने नाम
कितनी जगहों पर रेखाएँ खींच कर दर्ज करते कुछ न कुछ
हज़ार बर्तनों और हज़ार किताबों के बीच
खोज लेते पा लेते एक दूसरे को ।