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हम जिएँ न जिएँ दोस्त / केदारनाथ अग्रवाल

हम जिएँ न जिएँ दोस्त

तुम जियो एक नौजवान की तरह,

खेत में झूम रहे धान की तरह,

मौत को मार रहे वान की तरह ।


हम जिएँ न जिएँ दोस्त

तुम जियो अजेय इंसान की तरह

मरण के इस रण में अमरण

आकर्ण तनी
कमान की तरह !