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हम तो दरदे बेयाकुल, ननदिया के हाँसी बरे / मगही
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मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हम तो दरदे<ref>दर्द से</ref> बेयाकुल, ननदिया के हाँसी<ref>हँसी, ठिठोली</ref> बरे<ref>आती है</ref>।
सासु तोर पइयाँ<ref>पाँव, पैर</ref> परू<ref>पडूँ</ref> रूसिनिया<ref>रूठने वाली</ref> के बिदा करूँ।
छिनरिया<ref>छिनाल स्त्री</ref> के बिदा करूँ, सतभतरी<ref>सात भर्तार रखनेवाली, सप्तपतिका, सप्तभत्तृ का</ref>
शब्दार्थ
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