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हम तो हवा हैं हवा / विष्णु नागर

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एक बादल से मैंने कहा
भैया, अब तो तू बरस जा
वह नहीं बरसा, चला गया

मैंने कहा बच्‍चों से
आज मेरे साथ ऐसा हुआ
और मुझे तुम्‍हारे बारे में यही शंका है
क्‍योंकि तुम भी मेरे बादल हो पानी भरे

उन्‍होंने कहा पापा
हम कोई बादल थोड़े न हैं
कि बरसें तो अपनी मरजी से बरसें
हम तो हवा हैं हवा
बहते रहते हैं लगातार
याद है एक बार आपके
कपड़े उड़ा ले गए थे

जब अखबार पढ़ते हो न आप
तो हम आपको तंग करते हैं
आपका अखबार लगातार फड़फड़ाता रहता है
आप उसे संभालते-संभालते तंग आ जाते हो

पापा कितनी बार हम ठंडी बयार की तरह भी आते हैं
वैसे आपकी प्राब्‍लम ये है कि आपको ये ज्‍यादा
याद रहता है कि एक बार हम लू की तरह बरसे थे

पाप आप अब बूढ़े हो चले हो
इसलिए अब आपके अखबार को नहीं
हम आपको ही अपने साथ देश-विदेश उड़ा ले जाएंगे
तब भी आप कहोगे कि अरे-अरे ये क्‍या कर रहे हो
मेरे साथ बूढ़ा हूं भाई
तो हम हंसेंगे और कहेंगे-आप और बूढ़े?

आपको धीरे-धीरे अभ्‍यास हो जाएगा
उड़ने का
आप बादलों को छुआ करोगे
आप एक दिन कहोगे, यार तारों को छूने का मन कर रहा है
लेकिन आप तारों को छूकर भी कहोगे,
नहीं मुझे तो हवा के साथ ही रहना है
अपने बच्‍चों के साथ ही रहना है.