हम नन्हे-नन्हे बच्चे हैं,
नादान उमर के कच्चे हैं,
पर अपनी धुन के सच्चे हैं!
जननी की जय-जय गाएँगे,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे!
अपना पथ कभी न छोड़ेंगे,
अपना प्रण कभी न तोड़ेंगे,
हिम्मत से नाता जोड़ेंगे!
हम हिम गिर पर चढ़ जाएँगे,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे!
हम भय से कभी न डोलेंगे,
अपनी ताकत को तोलेंगे,
माता के बंधन खोलेंगे!
हम इसकी शान बढ़ाएँगे,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे!