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हम वर पाये जैसें मानिक हीरा मानिक हीरा जैसें जरद नगीना / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हम वर पाये जैसें मानिक हीरा। मानिक हीरा जैसें जरद नगीना।
हँसत खेलत बेटी आजुल घर आई। सो देओ मेरी आजी सुहाग कौ वीरा।
चन्द्र वदन आजी मुसकानी। सो लेओ मेरी बेटी सुहाग कौ वीरा।
तुम वर पाये जैसें मानिक हीरा। मानिक हीरा जैसें जरद नगीना।