हम सांचु सांचु बतलाइति
तुमका चहै किहानी लागै
एकु द्यास मा बघवा ब्वालै
मिसिरी जइसन बोली
जगा बेजगा लोग परे हैं
खाइ खाइ कै गोली
ऊ राजु चलावै जनता का
लेकिन मनमानी लागै
खेतु भिंजराइं बनैं बजारै
बापु होइ गवा पइसा
करिया धनु बहुतै पियार भा
बइठ बुद्धि पर भइंसा
उइकी नांदन मा जनता केरे
खून की सानी लागै
सांचु लगाये मुंह पर ताला
झूठु डहुंकि कै ब्वालै
भूखे नंगे ल्वागन केरे
सूखे हांड़ टटõालै
ऊ सावन मइहां आंधर ह्वैगा
सब कुछु धानी लागै