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हम से मत पूछ कि क्या हम ने दुआ मांगी है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'

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हम से मत पूछ कि क्या हम ने दुआ मांगी है
तेरे आंचल तेरे दामन की हवा मांगी है

रंग फूलों ने लिया है तेरे रुख्स़ारों से
तेरे जल्वों से सितारों ने ज़िया माँगी है

खै़र हम मांगते रहते हैं जहां की यारों
हम ने कब अपने लिये कोई दुआ मांगी है
 
हाथ उट्ठे थे किसी और की ख़ातिर उन के
मैं ये समझा कि मेरे हक़ में दुआ मांगी है

क्या दुआ मांगते हम अह्ले-मुहब्बत 'रहबर`
सांस लेने को मुहब्बत की फ़ज़ा मांगी है