बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हरदौल चीकट लै कें आये कुंजावती के द्वारे।
गाड़िन में भर कें सामान
सोनो चाँदी कपड़ा दान
पहुँचे गेंवड़े के दरम्यान।
सारे नगर में खलबल मच गई।
सोचें बस्ती वारे। हरदौल चीकट ...
चीकट मण्डप नीचे आयौ
कुंजावती ने रूदन मचायौ
भैया अबै काय नई आयौ
भैया बिना न लगै सुहानौ
चीकट कौन उतारै। हरदौल चीकट ...