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हर्माफ्रोडाइट / ज़ाहिद इमरोज़
Kavita Kosh से
उस को शक था
ख़ुदा ने दो आधे जिस्म अमूदन जोड़ के
उस को तामीर किया है
जिस में इक हिस्सा अपना और एक पराया है
वो आधे आधे दो जिस्मों का हासिल है
वो अक्सर रात के काले चेहरे से डर जाता
तो अपनी ही गोद में छुप कर रोने लगता
ख़ुद से बातें करता
दीवारों से सर टकराता
अपनी तकमील की ख़ातिर
दोनों आधे जिस्मों को
बिस्तर पर तन्हा छोड़ के
अपने असली हिस्से की तलाश में खो जाता
लेकिन ख़ाली हाथों को जब
दोज़ख़ की जानिब लटकाए वापस आता
अपनी ही गर्दन में बाज़ू डाले
ख़ुद से लिपट कर सो जाता