हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे/ ग़ालिब
हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ<ref>परिचित</ref>मुझसे
मेरी रफ़्तार से भागे है बयाबाँ मुझसे
दर्से-उन्वाने-तमाशा<ref>खेल-शीर्षक की शिक्षा</ref>बा-तग़ाफ़ुल<ref>उपेक्षित</ref>ख़ुशतर<ref>हर्षित</ref>
है निगहे- रिश्ता-ए-शीराज़ा-ए-मिज़गाँ<ref> बिखरी पलकों को सी देने वाला धागा मुझसे</ref>
वहशते-आतिशे-दिल<ref>हृदय की तपिश के डर से</ref>से शबे-तन्हाई<ref>अकेलेपन की रात</ref>में
सूरते-दूद <ref>धुएँ की तरह</ref>रहा साया गुरेज़ाँ <ref>बचता</ref>मुझसे
ग़मे-उश्शाक़<ref>प्रियवर का दु:ख</ref>न हो सादगी आमोज़े-बुताँ<ref>प्रिय प्रशिक्षक</ref>
किस क़दर ख़ाना-ए- आईना<ref>दर्पण गृह</ref>है वीराँ मुझसे
असरे-आब्ला<ref>छालों के प्रभाव से</ref>से है जादा-ए-सहरा-ए-जुनूँ<ref>जंगल के रास्तों का उन्माद</ref>
सूरते-रिश्ता-ए-गोहर<ref>मोतियों जैसा</ref>है चराग़ाँ मुझसे
बेख़ुदी बिस्तरे-तम्हीदे-फ़राग़त<ref>अवकाश का उपक्रम</ref>हो जो
पुर है साये की तरह मेरा शस्बिस्ताँ<ref>रात्रि-गृह</ref>मुझसे
शौक़े-दीदार में गर तू मुझे गर्दन मारे
हो निगह मिस्ले-गुले-शम्मअ परीशाँ मुझसे
बेकसी हाए शबे-हिज्र की वहशत है ये
साया ख़ुरशीदे-क़यामत <ref>प्रलय के समय का सूर्य</ref> में है पिन्हाँ मुझसे
गर्दिशे-साग़रे-सद जल्वा-ए-रंगीं तुझसे
आईना दारी-ए-यक दीद-ए-हैराँ <ref>चकित</ref>मुझसे
निगह-ए-गर्म से इक आग टपकती है ‘असद’
है चराग़ाँ ख़स-ओ-ख़ाशाके-गुलिस्ताँ<ref>उद्यान का कूड़ा-कचरा जलना</ref> मुझसे