भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हल्ला कौन मचाता है / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पानी बादल से आता है,
पानी नल से आता है।
अगर कहीं छत टूटी हो तो,
छत से भी आ जाता है।

कभी नाक से आता पानी,
आंखों से आ जाता है।
बनकर कभी पसीना पानी,
माथे से बह जाता है।
इतने सारे स्थानों से,
अम्मा पानी आता है।
पानी कम है, पानी कम है,
हल्ला कौन मचाता है?