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हवस का ख़ात्मा हो तो ये कर के भी दिखा देंगे / महेश कटारे सुगम

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हवस का ख़ात्मा हो तो ये कर के भी दिखा देंगे ।
तुम्हें लिखना है जो लिख लो अँगूठा हम लगा देंगे ।।

तुम्हें दौलत का चस्का है ग़रीबी हमने ओढ़ी है,
तुम्हारी बेरुखी पर भी तुम्हें दिल से दुआ देंगे ।

हमें लुटने की आदत है मुहब्बत में तो लुटते हैं,
नज़र से गिर गए जिस दिन तो तो हम नींदें उड़ा देंगे ।

बुरी सोहबत के साए से निकलना चाहते हो गर,
तो वापस लौट आने का तरीका हम बता देंगे ।

चुनावी ईद तक गुस्ताखियाँ बर्दाश्त करते हैं,
सुगम तोड़ा यकीं तो ईद का बकरा बना देंगे ।

18-02-2015