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हाँ रे, कहवाँ के राजा, राजा हो मकुन सिंह / भोजपुरी

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हाँ रे, कहवाँ के राजा, राजा हो मकुन सिंह, कि हो कहाँ बसे पियवा हमार।
हाँ रे, सगुन करत में बहुत दिन बीतलें, नाहीं अइलें कन्त हमार।।१।।
हाँ रे, सगुना बोलाई के जाँघ बइठवलीं, सुनु सुगना बचनी हमार।
हाँ रे, जाहु-जाहु सुगवा दखिन के रे देसवा, कि जहाँ बसे पियवा हमार।।२।।
हाँ रे, आयला कलपि सुग्गा कोरे रे कगदवा, कि नयना काजल मसिहान।
हाँ रे, आरे पाछे लिखिहे सुगना इनती-मिनतिय, कि बीचे ठइयाँ कान्ता बिरोग।।३।।
हाँ रे, आँगना बहरइत हो चेरिया-लडडि़या, से हो पैंतिया लेहली उठाय।।४।।
हाँ रे, चेरिया त दिहली पेंतिया रानी का हाथे, कि रानी दिहली राजा हाथ।
हाँ रे, पँतिया त बाँची राजा मने मुसुकइले, कि पैंतिया के दिहले छुपाय।।५।।
हाँ रे, जाहु-जाहु छैला रे आपन देसवा, कि तोरे धनि प्रथमें बयेस।।६।।
हाँ रे, राजावा त दिहले सोनवा के माठवा, कि रानी दिहली नवलख हार।
माहथा त दिहले हंसराज घोड़वा, कि महथिन दिहली लहरा-पटोर।।७।।
हाँ रे, जाहु-जाहु छैला धनी से मिली रहिह, कि हो फेरी नाहिं अइह हथिसार।।८।।