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हाँ रे, घर-घर घूमेले नउनिया / भोजपुरी

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हाँ रे, घर-घर घूमेले नउनिया, त बात के जानावेले हे
हाँ रे, चलहू सखीय सब लोग, त मंगल गावे नु हे।।१।।
हाँ रे, झाँझिम दिहले बिछाई नु हे,
हाँ रे, बइठी सखी सब लोग, त मंगल गावेले ए।।२।।
हाँ रे, केहु देहले अँगुठी से मुनरी, त केहु देहले हार नु ए
हाँ रे, केहु देहले रतन झड़ाझड़ी, भरि गइले थारी नु हे।।३।।
हाँ रे, केकई जे दिहली अँगुठी से मुनरी नु ए
सुमितरा जे देहली गले हार, त भरि गइले थारी नु ए।
कोसिला देली रतन झड़झड़ी भरि गइले थारी नु ए।।४।।