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हाइकु-2 / उपमा शर्मा
Kavita Kosh से
11.
गिरती वर्फ
चाँदी की पहरन
ओढ़े पहाड़
12.
किरन-पुँज
खुली हैं पंखुड़ियाँ
महका कुंज
13.
हरसिंगार
झरे जो रात भर
धरा महकी
14.
आया सूरज
पेड़ पर चिड़ियाँ
चहचहाईं
15.
दूर या पास
बसते मन सदा
नहीं उदास
16.
तुम्हें जो पाया
तारों भरा आकाश
मुट्ठी में आया
17.
कृष्ण हैं रोये
देखते दीन दशा
मित्र सुदामा
18.
लाज गहना
उतार फेंको वधू
न सहो दुख
19.
रखो भू हरी
देती यह संपदा
कर्ज चुकाना
20.
जीवन चक्र
चले अनवरत
ऋतु या वक्र