भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हाइकु-3 / रमा द्विवेदी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

    

१-
आधुनिकता
नीलामी संबंधों की
खुली दुकान।

२-
बुरा करम
खुशहाल जीवन
मन का भ्रम ।

३-
सुन्दर तन
कनक घट विष
मलिन मन ।

४-
स्वारथ वश
मुखौटा याराना का
कटु सच्चाई ।

५-
कविता पढ़ी
कछु पल्ले न पड़ी
जनता हंसी ।

६-
शादी रचा ली
माडर्न समझौता
खतरे भरी ।