जन्म मरण 
समय की गति के 
हैं दो चरण 
वो हैं अकेले 
दूर खडे होकर 
देखें जो मेले 
मेरी जवानी 
कटे हुये पंखों की  
एक निशानी 
हे स्वर्ण केशी 
भूल न यौवन है 
पंछी विदेशी  
वो है अपने 
देखें हो मैने जैसे 
झूठे सपने
किससे कहें 
सब के सब दुख 
खुद ही सहें 
हे अनजानी 
जीवन की कहानी 
किसने जानी
नीरज जी हाइकू 2009 के सम्मानित रचनाकार हैं